अमेरिका है कर रहा जैसे को तैसा, क्या हम भी करेंगे चीन से ऐसा?

भारत पहले ही साढ़े 18 करोड़ अमेरिकी डॉलर का व्यापार घाटा उठा रहा है। अमेरिका की इस नई निति के कारण उसका यह घाटा और भी बढ़ेगा। देखा जाए तो सिर्फ चीन से ही अपना व्यापार संतुलन बनाकर भारत बहुत हद तक अपना व्यापार घाटा पूरा कर सकता है।