अब तो अति की भी अति हो चुकी। हद भी अपनी तमाम हदें पार कर चुका। संसद भवन के बाद मुंबई, फिर पठानकोट और अब उरी। जबकि हम हैं कि योगी बने बैठे हैं। धुनी जमाए…
Even if the Paris massacre is a reaction of some odd action, it is not at all defendable and ought to be totally condemned. Leaders like Azam Khan should realize that there are times when one…