नए साल में नया करो
मत बदलो कैलेण्डरयादें रहने दो ताज़ाबीते ज़ख्मों की कुछ करना ही है तोडालो बीजसीचों उसे अपने विश्वास सेकरो हरा उसे अपनी आस्था सेदेखो उसे सिक्त होकर बढ़तेइस नमी और ऊष्मा से हमारा चरित्र कैलेण्डर नहींजिसे हम रातों-रात बदल लेंयह तो एक बीज हैहरियाली की संभावनाओं को समेटेउसी में समाया है नयाइस नए साल का! मत […]