जीते चाहे कोई भी, हारती है जनता ही

भारतीय लोकतंत्र में आप अल्पसंख्यक होकर तो रह सकते हैं, पर असंगठित होकर नहीं. आप खुद कितने ही काबिल क्यों न हो, आपकी पहचान जमात या फिर छाप से होती है, आपकी योग्यता और ईमानदारी से…