सब तो थे पर भाग्य ही न था
सब तो थे पर भाग्य ही न था रामाधार ने गालियां भी दीं और टिकट भी लिया हां तो?क्या तो?आप कहानी सुना रहे थे ना?सुना तो नहीं रहा था, हां, सुनाने वाला था!तो?तो क्या, कहानी थोड़े ही भागी जा रही है कहीं। कॉफी तो आ जाए।मैं और झूलन जी कॉफी शॉप की अपनी मेज पर […]
नाम बड़े और दर्शन छोटे
नाम बड़े और दर्शन छोटे कैसे मैं कैलाशपति मिश्र की राजनीति का शिकार हुआ झूलन जी को दूर से देखकर मैंने हाथ हिलाया तो वह भागे-भागे मेरे पास पहुंच गए।कैलासपति मिसिर वाला कहानी नहीं सुनाइएगा? अपनी आदत के अनुसार उन्होंने इस बार भी बिना किसी दुआ-सलाम के अपनी फरमाइश रख दी।कौन सी कहानी? मैंने अनजान […]
यूँ बढ़ गई ज़िन्दगी छोटे साहब की
यूँ बढ़ गई ज़िन्दगी छोटे साहब की रौ में बहकर कह गए वह ढेर सारी बातें सुबह से ही किसी अनजान नंबर से फोन आ रहा था और इत्तेफाक से मैं हर बार किसी काम में लगा होने की वजह से उसे उठा नहीं पा रहा था। आदतन मैं किसी का फोन कॉल नहीं उठाने […]
आजकल आप कहां हैं?
आजकल आप कहां हैं? वे बहुत दिनों बाद मिले थे सो उन्होंने पूछा, आज कल कहां हैं आप?दिल्ली एनसीआर में. मैंने संक्षिप्त जवाब दिया।मेरा मतलब था, किस पार्टी में हैं आप? उन्होंने अपना सवाल समझाते हुए फिर से पूछा।टेक्निकली स्पीकिंग, भाजपा में क्योंकि यहां से न निकला हूं, ना निकाला गया हूं।गोल-गोल न बोलिए, मतलब […]