नाम बड़े और दर्शन छोटे कैसे मैं कैलाशपति मिश्र की राजनीति का शिकार हुआ झूलन जी को दूर से देखकर मैंने हाथ हिलाया तो वह भागे-भागे मेरे पास पहुंच गए।कैलासपति मिसिर वाला कहानी नहीं सुनाइएगा? अपनी…
बिहार में भारतीय जनता पार्टी तो उसी दिन हार गई थी, जब लालू यादव और नितीश कुमार साथ हो गए थे. और मजा यह कि इन दोनों विरोधियों को साथ करने में स्वयं भाजपा ने ही…
लक्ष्य था कम से कम 20 पदक लेना, पर मिले केवल दो और पदक तालिका में हम 67वें स्थान पर रह गए। इससे पहले हमने चाहा था 125 पदक लेकर ग्लासगो राष्ट्रकुल खेलों में अपना तीसरा…
बस की आगे की सीटें लगभग खाली थी, जबकि पीछे की सीटें पूरी तरह भरी हुईं। आगे की तीन पंक्तियों में श्वेत यात्री बैठे थे, जबकि पीछे की पंक्तियों में अश्वेत यात्री। बस में बैठने की…
अब तो अति की भी अति हो चुकी। हद भी अपनी तमाम हदें पार कर चुका। संसद भवन के बाद मुंबई, फिर पठानकोट और अब उरी। जबकि हम हैं कि योगी बने बैठे हैं। धुनी जमाए…
जिन्हें उनके शरीर की वजह से याद रखा जाता है, उन्हें उतनी ही जल्दी भुला भी दिया जाता है। जिन लोगों को उनके काम और संस्कार की वजह से याद रखा जाता है, उन्हें भूलना आसान नहीं होता।
रंजन चाचाजी एवं रश्मि बुआ को कार्यक्रम के लिए बहुत बहुत आभार हम आपके साथ हैं।
आप जहां भी हैं भवानीपुर का नाम रौशन किए हैं
हृदय पूर्वक प्रणाम है।
Congratulations bhaiya. you discribed it beautiful
हार्दिक बधाई एवं शुभकामना।
बहुत बहुत धन्यवाद रंजन भाई।