Why shouldn’t libraries be venue for Book Fairs?

A book is begun by an author, but it is finished by a reader! This was aptly observed by Mugdha Sinha, Joint Secretary, Ministry of Culture, GOI. She was addressing a seminar on Unleashing the Potential of Libraries: Role of Publishers, organized by FICCI. As she emphasized the role of publishers in bringing the two […]

Half of the Digital Content is Spurious

At DNPA Conclave & Award 2024, the Digital News Producers Association (DNPA) resolved to chart out a roadmap for ‘Shaping India’s Media Narrative in the Digital Age’. However, at the very onset, Tanmay Maheshwari, Chairman of DNPA, admitted that the journey is not easy as the digital space is half full of fake news and […]

Is Rahul a victim of intolerant politics?

Are we really an intolerant lot? In a nation where the Gandhi and the Nehru are not spared of abuse, should the insult of some Modi or Adani be a matter of concern? Does the government, which fails to protect the dignity of its National Heroes, has the right to ask anyone, who questions its […]

अडानी समूह – सईयां भये कोतवाल तो डर काहे का

अमेरिका की एक कंपनी है हिन्डनबर्ग रिसर्च। उसका काम है विभिन्न कारोबारी कंपनियों के वित्तीय मामलों की पड़ताल कर के अपनी रिपोर्ट देना। इस बार हिन्डनबर्ग रिसर्च ने भारत के दूसरे नंबर के व्यावसायिक प्रतिष्ठान अडानी समूह को अपना निशाना बनाया है। इस समूह के वित्तीय मामलों की पड़ताल अकारण नहीं है। समूह के अधिष्ठाता […]

सब तो थे पर भाग्य ही न था

सब तो थे पर भाग्य ही न था रामाधार ने गालियां भी दीं और टिकट भी लिया हां तो?क्या तो?आप कहानी सुना रहे थे ना?सुना तो नहीं रहा था, हां, सुनाने वाला था!तो?तो क्या, कहानी थोड़े ही भागी जा रही है कहीं। कॉफी तो आ जाए।मैं और झूलन जी कॉफी शॉप की अपनी मेज पर […]

नाम बड़े और दर्शन छोटे

नाम बड़े और दर्शन छोटे कैसे मैं कैलाशपति मिश्र की राजनीति का शिकार हुआ झूलन जी को दूर से देखकर मैंने हाथ हिलाया तो वह भागे-भागे मेरे पास पहुंच गए।कैलासपति मिसिर वाला कहानी नहीं सुनाइएगा? अपनी आदत के अनुसार उन्होंने इस बार भी बिना किसी दुआ-सलाम के अपनी फरमाइश रख दी।कौन सी कहानी? मैंने अनजान […]