रतन टाटा

रतन टाटाः जो यादों में हों, वे जाते नहीं

जिन्हें उनके शरीर की वजह से याद रखा जाता है, उन्हें उतनी ही जल्दी भुला भी दिया जाता है। जिन लोगों को उनके काम और संस्कार की वजह से याद रखा जाता है, उन्हें भूलना आसान नहीं होता।

Ranjan Kumar Singh

एक्सट्रा “2 एबी” आया कहां से?

एक्सट्रा 2-एबी आखिर आया कहां से! अब तक छह दौर के मतदान हो चुके हैं और केवल एक दौर का मतदान ही शेष है।  चुनाव आयोग के अनुसार पहले दौर में कुल 66.14 फीसदी मतदान हुए।…

अडानी समूह – सईयां भये कोतवाल तो डर काहे का

अमेरिका की एक कंपनी है हिन्डनबर्ग रिसर्च। उसका काम है विभिन्न कारोबारी कंपनियों के वित्तीय मामलों की पड़ताल कर के अपनी रिपोर्ट देना। इस बार हिन्डनबर्ग रिसर्च ने भारत के दूसरे नंबर के व्यावसायिक प्रतिष्ठान अडानी…

Ranjan Kumar Singh

सब तो थे पर भाग्य ही न था

सब तो थे पर भाग्य ही न था रामाधार ने गालियां भी दीं और टिकट भी लिया हां तो?क्या तो?आप कहानी सुना रहे थे ना?सुना तो नहीं रहा था, हां, सुनाने वाला था!तो?तो क्या, कहानी थोड़े…

Ranjan Kumar Singh

नाम बड़े और दर्शन छोटे

नाम बड़े और दर्शन छोटे कैसे मैं कैलाशपति मिश्र की राजनीति का शिकार हुआ झूलन जी को दूर से देखकर मैंने हाथ हिलाया तो वह भागे-भागे मेरे पास पहुंच गए।कैलासपति मिसिर वाला कहानी नहीं सुनाइएगा? अपनी…