नए साल में नया करो

मत बदलो कैलेण्डरयादें रहने दो ताज़ाबीते ज़ख्मों की कुछ करना ही है तोडालो बीजसीचों उसे अपने विश्वास सेकरो हरा उसे अपनी आस्था सेदेखो उसे सिक्त होकर बढ़तेइस नमी और ऊष्मा से हमारा चरित्र कैलेण्डर नहींजिसे हम…

Ishopnishad (ईशोपनिषद)

ओम ईश वास्यम इदं सर्वं यत किम च जगत्यां जगततेन त्यक्तेन भुन्जिथा मा गृधः कस्य स्विद धनं |१| इस गतिशील जगत में जो कुछ भी सचल है, वह ईश्वर के वस्त्रों से ढका हुआ है. यानी…