रतन टाटा

रतन टाटाः जो यादों में हों, वे जाते नहीं

जिन्हें उनके शरीर की वजह से याद रखा जाता है, उन्हें उतनी ही जल्दी भुला भी दिया जाता है। जिन लोगों को उनके काम और संस्कार की वजह से याद रखा जाता है, उन्हें भूलना आसान नहीं होता।

Ranjan Kumar Singh

एक्सट्रा “2 एबी” आया कहां से?

एक्सट्रा 2-एबी आखिर आया कहां से! अब तक छह दौर के मतदान हो चुके हैं और केवल एक दौर का मतदान ही शेष है।  चुनाव आयोग के अनुसार पहले दौर में कुल 66.14 फीसदी मतदान हुए।…

Ranjan Kumar Singh

एनडीए के घटक दल क्या मोदी पर बोझ हैं?

एनडीए के घटक दल क्या मोदी पर बोझ हैं? एनडीए 40-42 दलों का जमावड़ा तो बन गया पर ले-देकर उसमें भाजपा ही जिसका कोई मोल है। और भाजपा में भले ही अमित शाह से लेकर ज्योतिरादित्य…

राहुल तो भाग गयो, तेरा क्या होगा इसमिरितिया?

तो अंततः राहुल गाँधी बनाम स्मृति ईरानी होते-होते रह गया। राहुल अब वायनाड के साथ-साथ रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं। स्मृति ईरानी अब तक राहुल के खिलाफ बोल-बोलकर अपनी राजनीति चमकाती रही थीं। उनकी कीर्ति…