Power of Indian Passport on rise

भारतीय पासपोर्टधारक 60 देशों में बिना पहले से वीज़ा लिए जा सकते हैं। इसके मुकाबले जापान या सिंगापुर के पासपोर्टधारक 192 देशों में बिना पहले से वीज़ा लिए जा सकते हैं। इस हिसाब से जहां जापान या सिंगापुर का पासपोर्ट दुनिया का सबसे ज्यादा स्वीकार्य पासपोर्ट माना जा सकता है, वहीं स्वीकार्यता की दृष्टि से भारतीय पासपोर्ट 83वें पायदान पर है। 2021 में भारतीय पासपोर्ट दुनिया में स्वीकार्यता की दृष्टि से 90वें स्थान पर था और भारतीय नागरिक 58 देशों में बिना पहले से वीज़ा लिए जा सकते थे। इस बीच दो नए देशों, ओमान और अर्मेनिया ने भारतीय पासपोर्ट को स्वीकार्यता दी है। इस तरह एक साल में उसकी स्वाकीर्यता बढ़ी है और वह 90वें से 83वें स्थान तक आ पहुंचा है।

दिलचस्प बात यह है कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश माने जाने वाले अमेरिका के पासपोर्ट की स्वीकार्यता 186 देशों में ही है, जहां उसके नागरिक बिना पहले से वीज़ा लिए जा सकते हैं। यही हाल इंगलैण्ड का भी है। दोनों ही देश इस लिहाज से तालिका में सातवें पायदान पर हैं। इसी पायदान पर उनके साथ बेल्जियम, न्यूजिलैंड, नार्वे तथा स्वीट्जरलैंड भी हैं। हालांकि 2020 में अमेरिका तथा इंगलैंड दोनों ही और दो पायदान नीचे थे, जबकि 2021 तथा 2022 में वे एक-एक पायदान कर के बढ़े हैं। दक्षिण कोरिया तथा जर्मनी दोनों संयुक्त तौर पर दूसरे पायदान पर हैं। इससे पहले 2021 में भी दोनों देश इसी स्थान पर थे। सूची में फिनलैंड, इटली, जक्ज़मबर्ग तथा स्पेन का स्थान तीसरा है। इन सभी देशों के नागरिक 189 देशों की यात्रा बिना पहले से वीज़ा लिए कर सकते हैं।

चौथे पायदान पर पांच देश हैं, आस्ट्रिया, डेनमार्क, फ्रांस, नीदरलैंड तथा स्वीडेन। इनमें आस्ट्रीया तथा डेनमार्क तो पहले से चौथे पायदान पर थे, जबकि शेष तीनों देशों ने अपने-अपने पासपोर्ट की स्वीकार्यता बढ़ाई है। 2021 में फ्रांस, नीदरलैंड और स्वीडेन तीनों ही पांचवें स्थान पर थे। तब इन देशों के नागरिक 187 देशों में पहले से वीज़ा लिए बिना यात्रा कर सकते थे, जबकि आज वे 188 देशों में ऐसा कर सकते हैं। इस सूची में और रोचक तथ्य सामने आया है। एक तरफ जहां जापान तथा सिंगापुर के नागरिक 192 देशों की यात्रा पहले से वीज़ा लिए बिना कर सकते हैं, वहीं अफगानिस्तानी मात्र 26 देशों में ही बिना पूर्व वीज़ा के जा सकते हैं। ईरान, सीरिया या पाकिस्तान के पासपोर्टधारकों की स्वीकार्यता भी बेहद खराब है। भारतीय पासपोर्टधारक जहां 60 देशों की यात्रा बिना पूर्व वीज़ा के कर सकते हैं, वहीं पाकिस्तानी नागरिकों को यह सुविधा मात्र 31 देशों से मिली है।

अब देखते हैं कि भारतीय पासपोर्टधारक किन देशों का भ्रमण पहले से वीज़ा लिए बिना कर सकते हैं। शुरुआत एशिया से की जाए। पड़ोसी देश नेपाल तथा भूटान में तो भारतीय नागरिकों को वीज़ा लेने तक की जरूरत नहीं होती। उनके पास पासपोर्ट या फिर उनकी नागरिकता का परिचय देनेवाला कोई भी दस्तावेज होना चाहिए। इंडोनेशिया तथा मकोऊ में भी वीज़ा की जरूरत नहीं है, पर वहां जाने के लिए पासपोर्ट होना जरूरी है। कम्पूचिया, लाओस, मालदीव, म्यामार, श्रीलंका, थाईलैंड तथा तिमोर पहुंचकर भी आप वीज़ा प्राप्त कर सकते हैं। यानी वहां वीज़ा तो चाहिए पर पहले से न हो तो भी कोई बात नहीं। खाड़ी के देशों में ईरान, जोर्डन, ओमान तथा कतर में भारतीय पासपोर्ट की स्वीकार्यता है। इनमें ओमान और कतर में पहुंचने के बाद भी वीज़ा की जरूरत नहीं होती।

भारतीय पासपोर्ट की सबसे ज्यादा स्वीकार्यता अफ्रीकी देशों में है, जहां 17 देशों में पहुंचने पर वीज़ा लिया जा सकता है, जबकि मॉरिशस, सेनेगल और ट्यूनेशिया में तो वीज़ा की दरकार ही नहीं है। आप अपना भारतीय पासपोर्ट दिखाकर ही इन देशों में प्रवेश पा सकते हैं। यूरोप के देशों में भारतीय नागरिकों को पहले से ही वीज़ा लेकर जाना जरूरी है। हां, वहां अल्बानिया और सर्बिया में बिना वीज़ा प्रवेश किया जा सकता है। अमेरिका के पासपास के अनेक टापुओं यानी कि कैरेबिया के देशों में भी ऐसा ही किया जा सकता है। इनमें बार्बोडस, जमैका, हैती, त्रिनिदाद एवं टोबैगो आदि देश शामिल हैं। इसी तरह आस्ट्र्लिया के आसपास के अनेक टापुओं यानी कि ओशेनिया के देशों में भी पहले से वीज़ा लिए बिना जाया जा सकता है। इन दशों मे फिजी भी है। मॉरिशस की तरह फीजी में भी भारतीय मूल के लोग रहते हैं और यहां भी भारतीय पासपोर्टधारकों को बिना वीज़ा के प्रवेश दिया जाता है। बस आपके पास भारत का पासपोर्ट होना चाहिए। तो अपना पासपोर्ट तैयार रखिए। साथ ही कोविड का टीका भी करा के रहिए ताकि इस साल जैसे ही यात्राओं पर रोक खत्म हो तो आप अपने मनपसंद देश के भ्रमण पर निकल सकें।


Discover more from Ranjan Kumar Singh

Subscribe to get the latest posts sent to your email.